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Showing posts from December, 2025

संचार साथी ऐप क्‍या है? कैसे करेगा काम? क्‍यों सरकार कर रही अनिवार्य? आम मोबाइल यूजर को कितना फायदा?

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  दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन की असलियत की जांच करने के लिए फोन में संचार साथी एप को इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। इस फैसले के बाद अब नए मोबाइल फोन में संचार साथी एप्लिकेशन पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। फोन कंपनियों को 90 दिनों के अंदर नए फोन्स में इस एप्लिकेशन को इंस्टॉल करना होगा| निर्देश में इस बारे में भी बताया गया है कि अगर कंपनियां इसका पालन नहीं करती हैं तो उन पर दूरसंचार अधिनियम 2023 और दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं विपक्षी दल सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बता रहे हैं। वे सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि सरकार इससे लोगों पर नजर रखेगी| संचार साथी ऐप सरकार का बनाया साइबर सिक्योरिटी टूल है, जो 17 जनवरी 2025 को लॉन्च हुआ था. ये ऐप काफी लोकप्रिय है और इसके 3 करोड़ से ज्‍यादा डाउनलोड हैं. अब सरकार ने हर मोबाइल में इसको प्री-इंस्‍टॉल करना अनिवार्य कर दिया है| संचार साथी ऐप सरकार का बनाया साइबर सिक्योरिटी टूल है, जो 17 जनवरी 2025 को लॉन्च हुआ था. इसे 5 करोड़ से ज्‍यादा बार डाउनलोड किया ज...

कॉलेजियम प्रणाली बनाम राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) सर्वोच्च न्यायालय कर सकती है समीक्षा?

कॉलेजियम प्रणाली भारत में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की एक व्यवस्था है, जबकि NJAC (राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग) कॉलेजियम प्रणाली का एक विकल्प था जिसे संवैधानिक संशोधन द्वारा पेश किया गया था, लेकिन बाद में अदालतों द्वारा रद्द कर दिया गया था। कॉलेजियम प्रणाली एक आंतरिक न्यायिक निकाय है जो शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश करता है, जबकि NJAC में न्यायपालिका, कार्यपालिका और प्रतिष्ठित व्यक्तियों का मिश्रण था ताकि नियुक्तियों में अधिक पारदर्शिता लाई जा सके। NJAC ने कॉलेजियम प्रणाली की स्वायत्तता को कम किया, जिससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंताएँ पैदा हुईं, यही मुख्य कारण था कि इसे सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया।  कॉलेजियम प्रणाली क्या है: यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए एक प्रणाली है। संवैधानिक स्थिति: यह सीधे संविधान में उल्लिखित नहीं है, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई है। कैसे काम करती है:  इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश...